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'सेना आपके हाथ में नहीं है, फिर भी आतंकवादी कैसे आ रहे हैं?' नरेंद्र मोदी के पुराने भाषण की समीक्षा

 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से देश स्तब्ध है। सुरक्षा चूक का हवाला देते हुए केंद्र पर सवाल उठाए जा रहे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए देश में आतंकवादियों की घुसपैठ के खिलाफ मोदी द्वारा दिया गया भाषण अब फिर से चर्चा में है। तत्कालीन केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कड़ी आलोचना करने वाले मोदी ने सुरक्षा चूक के संबंध में भी विभिन्न सवाल उठाए थे।

मोदी का भाषण 2012 में था। "अगर आपमें हिम्मत है, तो मेरे सवालों का जवाब दीजिए।" 'आतंकवादियों और नक्सलवादियों को हथियार कहां से मिलते हैं? क्या वे विदेशी भूमि से नहीं आते हैं? "क्या सीमाएं पूरी तरह से आपकी जिम्मेदारी नहीं हैं?" मोदी के सवाल हैं। मोदी ने यह भी मांग की कि सीमाओं को सुरक्षित किया जाए।

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'क्या बीएसएफ, तटीय सुरक्षा, नौसेना सब आपके हाथ में नहीं हैं? फिर भी आतंकवादी कैसे आते हैं? क्या मुद्रा विनिमय का काम आरबीआई के हाथ में नहीं है, जिसे आप नियंत्रित करते हैं? वे अब भी पैसा कैसे प्राप्त करते हैं? क्या सम्पूर्ण संचार प्रणाली केन्द्र सरकार के हाथ में नहीं है? आतंकवादी ईमेल और फोन के माध्यम से संवाद करते हैं। "फिर भी आप उनके संचार को रोककर रोक क्यों नहीं सकते?" मोदी ने अपने भाषण में पूछा। "क्या प्रधानमंत्री हवाला के माध्यम से विदेशों से भारत में आतंकवादियों तक पहुंचने वाले धन की निगरानी भी नहीं कर सकते?" मोदी ने यह भी कहा था, "जबकि आतंकवादी देश की शक्ति को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, दिल्ली में बैठी सरकार इसे नहीं देख रही है, उनके पास सवालों के कोई जवाब नहीं हैं।

इस भाषण के दो साल बाद 2014 में भाजपा केंद्र में सत्ता में आई और मोदी प्रधानमंत्री बने। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में पठानकोट, उरी और पुलवामा सहित कई आतंकवादी हमले हुए हैं। सैनिकों सहित कई लोगों की जान चली गयी। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में एक और आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए। इसके बाद सुरक्षा चूक सहित अन्य आलोचनाएं शुरू हो गईं। इस बीच, मोदी के पुराने भाषण पर फिर से चर्चा हो रही है, जिसमें ट्विटर भी शामिल है। नेटिज़ेंस का कहना है कि वह देश में एकमात्र व्यक्ति हैं जो प्रधानमंत्री मोदी से कुछ प्रासंगिक प्रश्न पूछ सकते हैं। नेटिज़ेंस का यह भी कहना है कि वर्तमान प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले के बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है और न ही सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली है। मोदी, जो आतंकवादी हमलों के मद्देनजर सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए थे, इस समय बिहार में हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

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